कहते हैं अगर सपनों की उड़ान भरनी हो तब संघर्षों का सामना करना ही पड़ता है और रास्ते में चाहे कितने भी रुकावट आ जाए उन सभी रुकावट को पार करके ही आप अपने सपनों की उड़ान को तय कर सकते हैं। हाल ही में ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है राजस्थान के बाड़मेर जिले की रहने वाली बिटिया अंकेश भाटी ने जिन्होंने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि पूरे गांव में अंकेश के नाम की जय जयकार होने लगी है और सभी लोग इस बिटिया के माथे को चूम कर यह कहते नजर आए है कि उन्होंने पूरे गांव का मान सम्मान बढ़ा दिया है। आइए आपको बताते हैं अंकेश भाटी ने कैसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जिससे पूरे बाड़मेर जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बाड़मेर के गांव घरसी का बाड़ा में रहती है अंकेश भाटी

बाड़मेर जिले के छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली अंकेश भाटी ने हाल ही में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हिंदी में 71.35% अंक लाकर पूरे देश में टॉप किया है। जिस किसी को भी यह पता चला है कि बाड़मेर की इस बिटिया ने यह इतिहास बना दिया है तब सभी लोग उनके माथे को चूमते नजर आ रहे हैं और यह कह रहे हैं कि अंकेश ने आखिरकार वह कर दिखाया जिसका वह सपना देखती थी क्योंकि बचपन से ही अंकेश पढ़ने में काफी मेधावी थी लेकिन माता-पिता की गरीबी की वजह से उनकी शुरुआती शिक्षा प्राथमिक विद्यालय में हुई। आइए आपको बताते हैं पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद भी अंकेश कैसे अपने आप से संतुष्ट नहीं है और उनका सपना अभी और भी आगे की तरफ बढ़ना है।
राजस्थान में पहली बार किसी बिटिया ने किया है यह कमाल

राजस्थान के बाड़मेर में रहने वाली बिटिया अंकेश भाटी ने जो गौरवान्वित करने वाला काम किया है उसकी वजह से हर तरफ से अंकेश को बधाई संदेश मिलती नजर आ रही है। अंकेश का मानना है कि उन्हें इससे भी ज्यादा अंक प्राप्ति की उम्मीद थी लेकिन उन्हें अब आगे चलकर इस विश्वविद्यालय में और भी बड़ा नाम करना है और इस पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में पूरी तैयारी के साथ अंकेश भाटी गई थी और इसी वजह से वह इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब हुई है। अंकेश पूरे राजस्थान की पहली बिटिया बनी है जिस ने प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव हासिल किया है और इसी वजह से पूरे गांव में उत्सव मनाया जा रहा है और सभी लोग इस होनहार बिटिया की जमकर तारीफ करते नजर आ रहे हैं और यह कह रहे हैं कि आने वाले समय में अंकेश को देखकर और भी बेटियां पढ़ने के लिए प्रेरित होगी