भारतवर्ष में एक से बढ़कर एक ऐसे पहुंचे हुए सिद्ध संत आए हैं जिनकी लोग लंबे समय तक पूजा-अर्चना करते रहे हैं। हालांकि समय-समय पर भारत में कई ऐसे बाबाओं का जिक्र भी हुआ है जो अपनी भक्ति के पीछे काले कारनामों का पूरा काला चिट्ठा रखते हैं। हाल फिलहाल में ऐसे ही एक बागेश्वर बाबा की चर्चा हर जगह होती नजर आ रही है क्योंकि उनके ऊपर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रवचन सुनाते हुए बीच में ही कहानी छोड़ दी और वहां से उठकर चल पड़े। हालांकि बागेश्वर बाबा गलत काम करते हैं या नहीं इस बात की तो कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन आइए आपको बताते हैं कैसे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नाम के एक युवक ने ऐसी शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर ली जिसकी वजह से लोग उन्हें चमत्कारी बागेश्वर बाबा के नाम से पहचानते हैं।
मध्यप्रदेश में जन्म हुआ था बागेश्वर बाबा का

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जो इन दिनों बागेश्वर बाबा के नाम से पहचाने जाते हैं उनके बारे में आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में उनका जन्म हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा यहीं पर संपन्न हुई थी और उनका यहां पर अपना पुश्तैनी मकान था। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन से ही सांसारिक मोह माया से बिल्कुल दूर रहते थे और वह अपने दादा के कर्मों से बहुत प्रभावित हैं। आपको बता दें कि उनके दादा का खुद का आश्रम था जिसमें वह लोगों को शिक्षा दीक्षा देते थे लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वहां से भी संन्यास ले लिया था। आइए आपको बताते हैं कैसे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देखते ही देखते बागेश्वर बाबा के नाम से पहचाने जाने लगे और सभी लोग उन्हें चमत्कारिक पुरुष कहने लगे।
बागेश्वर बाबा को जानते हैं लोग चमत्कारिक बाबा के नाम से

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बाबा के आश्रम से संन्यास लेने के बाद खुद ही अपने अनुयायियों से मिलने लगे और उन्होंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ खूब मुहिम चलाया। वह जंगलों में जाकर गरीब आदिवासियों और लोगों से मिलते नजर आए और उन्होंने उन लोगों के अंदर अपनी सनातन धर्म की संस्कृति के प्रति अलख जगाई। देखते ही देखते उनके पास भक्तों की कतार लग गई लेकिन बीते कुछ समय से उनकी यही बात लोगों को पसंद नहीं आ रही है। हर किसी का मानना है कि उन्हें बीच में अपना प्रवचन नहीं छोड़ना चाहिए था वहीं खुद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि वह किसी भी प्रकार के कोई चमत्कारिक पुरुष नहीं है बल्कि वह भगवान के भेजे हुए सेवक हैं जिनका काम लोगों को गलत राह पर जाने से रोकना है और इसी वजह से वह अपना काम निरंतर करते रहेंगे।