राजस्थान के केवलराम ने 15 वर्ष की उम्र में शुरू किया था काम, 40000 महिलाओं को केवलराम की वजह से मिला रोज़गार

सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती यह बात तो सभी जानते हैं। राजस्थान की एक ऐसी ही कहानी लोगों के दिलों को छू रही है जिसमें केवल राम नाम के एक शख्स इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है क्योंकि वह अपने हस्तशिल्प कार्य में एक या दो नहीं बल्कि पूरे 40000 महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं और इन महिलाओं को भी जो आर्थिक तंगी से जूझ रही थी उन्हें खुद के पैरों पर खड़ा होने का मौका मिल रहा है जिसके जिम्मेदार सिर्फ केवल राम है। एक समय में केवल राम कई दूसरी कंपनी में जाकर नौकरी करते थे लेकिन आइए आपको बताते हैं कैसे इस शख्स ने खुद अपने कंपनी की नींव डाली जिसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और उनकी मेहनत रंग ला रही है।

केवलराम करते थे दूसरी कंपनियों में ₹25000 के लिए काम

राजस्थान के केवलराम ने 15 वर्ष की उम्र में शुरू किया था काम, 40000 महिलाओं को केवलराम की वजह से मिला रोज़गार

राजस्थान के केवल राम ने हाल ही में बताया कि दूसरी कंपनियों में पहले तो उन्होंने 2 सालों का प्रशिक्षण लिया और उसके बाद विभिन्न कंपनियों में नौकरी करते थे। हालांकि अथक परिश्रम करने के बाद भी महीने में उन्हें 20000 से ₹25000 मिलते थे जो उनके लिए नाकाफी साबित हो रहा था क्योंकि उनके ऊपर परिवार का अतिरिक्त बोझ था और इसी वजह से उन्होंने एक ऐसा कदम उठाया जिसे उठाने से कई लोग डरते हैं। केवल राम ने बताया कि उन्होंने यह ठान लिया कि वह अपना खुद का रोजगार शुरु करेंगे और इसके लिए उन्होंने आस पड़ोस के गांव में जाकर महिलाओं का समूह बनाना शुरू कर दिया जो आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। आइए आपको बताते हैं कैसे देखते ही देखते केवलराम कि यह हस्तशिल्प कंपनी आज सलाना ₹5000000 के टर्नओवर को पार कर रही है।

केवलराम दे रहे हैं महिलाओं को रोजगार के अवसर

राजस्थान के केवलराम ने 15 वर्ष की उम्र में शुरू किया था काम, 40000 महिलाओं को केवलराम की वजह से मिला रोज़गार

राजस्थान के केवलराम हाल ही में उन महिलाओं और पुरुषों के लिए आदर्श बन चुके हैं जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। दरअसल जब उन्होंने अपना हस्तशिल्प कार्य शुरू किया तब उन महिलाओं को जोड़ना शुरु किया जिन्हे पैसों की ज्यादा जरूरत थी और लगभग 40 दिनों की ट्रेनिंग के बाद महिलाओं को स्वरोजगार कार्ड मिल जाता है जिसके बाद वह अपने बलबूते पर खड़े होकर काम कर सकती है। इस कार्य को कर रही कई महिलाएं बताती है कि केवल राम उनके लिए भगवान का अवतार बनकर आए क्योंकि एक समय में तो वह अपनी आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे लेकिन आज वह न सिर्फ अच्छा खासा रुपया कमा रही है बल्कि उनका नाम भी बन रहा है क्योंकि उनके द्वारा बनाए गए वस्तुओं का आयात निर्यात विदेशों में होता है और इसी वजह से सभी लोग केवल राम के हुनर और दिमाग की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं।

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