द ग्रेट खली भारत की तरफ से एक ऐसे रेसलर हैं जिनकी पहचान पूरी दुनिया में है और हर कोई उनकी ताकत के आगे नतमस्तक नजर आता है। खली ने भारत को विदेशी स्तर पर पहचान दिलाई है जो आज तक कोई भी भारतीय पहलवान नहीं कर पाया है और बहुत कम लोगों को यह बात पता है कि द ग्रेट खली का असली नाम दिलीप सिंह राणा है। हालांकि आज भले ही वह इस मुकाम पर हो जहां पूरी दुनिया उन्हें पहचानती है लेकिन अपने शुरुआती दिनों में खली को इतना ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था कि उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं होते थे। आइए आपको बताते हैं कैसे एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी करने वाले खली की जिंदगी ऐसी बदली थी कि आज वह दुनिया के सबसे बड़े पहलवानों में से एक हैं।
सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी करते थे खली
दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे थे। बचपन से ही खली का शरीर अन्य लोगों की तुलना में काफी लंबा और भारी-भरकम था जिसके कारण लोग उनका खूब मजाक बनाते नजर आते थे लेकिन खली ने शुरुआत से ही अपनी मजबूतीयों को पहचाना। सन 1998 में खली ने सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी करनी शुरू कर दी थी और इस दौरान उन्हें पंजाब पुलिस की तरफ से ऑफर भी आया था कि वह पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर ले लेकिन उन्होंने इसे नकार दिया था। सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हुए ही वह लगातार अपनी पहलवानी की प्रैक्टिस किया करते थे और आइए आपको बताते हैं कैसे सन 2000 के बाद खली की किस्मत ऐसी चमक गई कि आज वह करोड़ो की संपत्ति के मालिक हैं।
डबल्यू डबल्यू ई ने बदल दी खली की पूरी जिंदगी
खली ने तकरीबन 4 सालों तक बतौर सिक्योरिटी गार्ड नौकरी किया था और उसके बाद सन् 2006 में जब डब्लू डब्लू ई के साथ उनका 6 साल का करार हुआ तब उस समय उनकी लंबाई का फायदा उन्हें मिला। अपने 6 सालों के दौरान द ग्रेट खली ने अंडरटेकर और जॉन सीना जैसे नामी पहलवानों को धूल चटा दी और उसके बाद से ही भारत का परचम विश्व के पहलवानी में लहराने लगा था। द ग्रेट खली को भारत का सबसे मजबूत आदमी भी घोषित किया जाने लगा था और सभी लोग उनकी पहलवानी के कायल हो गए थे। आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 तक उनके पास 100 करोड़ की संपत्ति थी और उसके अलावा उनके पास 40 लाख की महंगी गाड़ियां भी उनके गैराज में है। गाड़ियों के अलावा खली के अपने चार जिम भी है जिसमें वह नए पहलवानों की कुश्ती लड़वाते हैं और उन्हें ट्रेनिंग भी देते हैं।