14 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में मकर संक्रांति का त्योहार पूरे धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यह परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। कई लोगों को हालांकि इस बात की जानकारी नहीं है की मकर सक्रांति का यह पावन त्यौहार क्यों मनाया जाता है लेकिन फिर भी वह हंसी-खुशी इस पावन त्योहार को मनाते नजर आते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आखिर किस वजह से इस पावन त्यौहार का महत्व इतना ज्यादा है कि हर वर्ग और समुदाय के लोग इसे हंसी खुशी मनाते हैं। आइए आपको बताते हैं मकर सक्रांति का यह पावन त्यौहार आखिर किस वजह से मनाया जाता है जिसका महत्व सुनकर आपकी भी खुशी इस त्यौहार को मनाने के लिए दोगुनी हो जाएगी।
मकर सक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है इस वजह से
15 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है और इस त्यौहार के शुभ अवसर पर सभी लोग बड़े से आशीर्वाद लेकर इस दिन पतंगबाजी करते हैं। इसके अलावा लोग शुद्ध शाकाहारी भोजन इस दिन ग्रहण करते हैं लेकिन आपको बता दें कि बहुत कम लोगों को इसके पीछे की विधि विधान के बारे में पता होगा। दरअसल यह बात कही जाती है कि मकर सक्रांति का यह त्यौहार इस वजह से मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवताओं का नववर्ष मनाया जाता है। देवता लोगों के नए साल की शुरुआत इसी दिन के साथ होती है जिसकी वजह से इसका महत्व बहुत ज्यादा है। आइए आपको बताते हैं इसके अलावा मकर सक्रांति और किन वजहों की वजह से मनाया जाता है जिसके कारण पूरे हर्षोल्लास के साथ लोग इसे मनाते हैं।
शिव के जटा से गंगा ने पैर पसारे थे धरती पर
मकर संक्रांति मनाने के पीछे एक कारण यह भी है कि इसी दिन शिव के जटा से मां गंगा ने पृथ्वी पर आगमन किया था। मां गंगा का आगमन हुआ था जिसकी वजह से मकर सक्रांति का यह पावन त्यौहार मनाया जाता है। बात करें मकर सक्रांति के पावन अवसर पर पतंग उड़ाने की तो पतंग उड़ाने की परंपरा इस वजह से चली आ रही है क्युकी पतंग उड़ाने की वजह से लोगों को सूर्य दर्शन होता है और माना जाता है कि इस दिन सूर्य दर्शन करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट स्वत ही समाप्त हो जाते हैं और भगवान सूर्य इस दिन सभी लोगों को खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। उपर्युक्त लिखें कारणों के अलावा भी कई और ऐसे कारण है जिसकी वजह से मकर सक्रांति का यह पावन त्यौहार मनाया जाता है और इसे हर प्रांत के लोग अलग तरीके से मनाते हैं और इसी वजह से इसे धूमधाम के साथ अपने परिवार के साथ मनाये।