इंडिया बनाम पाकिस्तान वार, किसको हुआ कितना नुकसान पढ़िए पूरी खबर

कश्मीर में हुए पहलगाम हादसे के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान सेना ने फिर पलटवार किया और उसके बाद पिछले तीन दिनों से लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई थी। भले ही दोनों देशों की तरफ से इस बात का ऐलान नहीं किया गया हो लेकिन बिना रुके लगातार गोलीबारी और मिसाइल के हमले भी एक दूसरे देश पर किए जा रहे थे। इन सब के बीच अब डोनाल्ड ट्रंप जो अमेरिका के राष्ट्रपति हैं उन्होंने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान और भारत के डीजीएमओ अब गोलीबारी पर विराम देने पर राजी हो गए हैं और सीज फायर लग चुका है। लगभग 3 दिनों तक चले इस युद्ध में भारत का पलड़ा कहीं ना कहीं बेहद भारी रहा है।

भारत ने चटाई पाकिस्तान को धूल

भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग तीन दिन तक चल तेज सैन्य टकराव के बाद हुए युद्ध विराम ने फिलहाल दोनों देशों को एक युद्ध की कगार से पीछे खींच लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 में को जवाबी हमले किए थे। जिसके बाद दोनों देशों के बीच मिसाइल लड़ाकू विमान और ड्रोन के जरिए बड़े पैमाने पर लड़ाई हुई थी। यही नहीं सीजफायर के बाद पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम का उल्लंघन भी किया गया था लेकिन अब कागजी तौर पर यह समझौता फिलहाल तनाव को रोकने में सफल हुआ है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक देखा जाए तो भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की आतंकवादी संरचना वायु सेवा ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर काफी बड़े प्रहार किए हैं। वहीं पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भी भारतीय सेना ने पूरी तरह से निष्फल किया है।

पाकिस्तान को हुआ है तगड़ा नुकसान

7 मई की रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। सिर्फ 26 मिनट के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे। इसके अलावा भारत ने 9 से 30 किलोमीटर पाकिस्तान के भीतर जाकर हमले किए थे। हमले में राफेल, लड़ाकू विमान से लांच किए गए स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हमर स्मार्ट हथियार भी थे जिसकी वजह से पाकिस्तान को काफी तगड़ा नुकसान हुआ था। पाकिस्तान इसके जवाब में भारत के पश्चिम भारत के 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सभी ड्रोन हमलों और मिसाइल को पूरी तरीके से नाकाम किया जिसकी वजह से ही फिर पाकिस्तान को लोन लेने की नौबत आ गई जिससे पता चलता है कि भारत का पलड़ा इस युद्ध में पूरी तरह से भारी रहा है।

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