पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी लोगों को परेशान कर रही थी। लोगों का कहना था कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसकी डर की वजह से अपने कदम को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं, लेकिन शायद लोगों को यह अंदाजा नहीं था कि शेर जब दो कदम पीछे लेता है तो वह डर कर नहीं लेता बल्कि शिकार करने के लिए लेता है। कुछ ऐसा ही नजारा अब सीमा पर देखने को मिल रहा है। पहलगाम हादसे के 11 दिनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को खुली छूट दी जिसके बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। जिसमें पाकिस्तान के नौ जगहों पर बमबारी की गई और 90 से ज्यादा आतंकवादी ढेर हो गए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया बयान में यह इशारा कर दिया है कि अभी बहुत कुछ होना बाकी है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ चुका है तनाव

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत में जब पाकिस्तान के नौ जगहों पर बमबारी की तब हर कोई बेहद खुश था। लोगों को भरोसा हो गया था कि यह सरकार चुप रहने वालों में से नहीं है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया। लेकिन अब अपने जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने, संचार में व्यवधान को रोकने, दहशत को दूर करने और आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। सरकारी विभागों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संदेश दिया है कि जनता और सरकारी कामकाज करने वाले लोगों को लंबे समय के लिए तैयार रहना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाई आपात बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार हर एक चीज पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभागों को आवश्यक वस्तुओं की कीमत और घबराहट में खरीदारी पर कड़ी नजर रखने का निर्देश भी दिया है। उन्होंने मंगलवार केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक को जहां से छोड़ा था उन्होंने अपनी बात को वहीं से शुरू किया है। उनका कहना है कि आतंकी शिविर पर जो हमला किया गया है वह आगे भी जारी रहेगी। लगभग 20 सचिवों की एक बैठक को उन्होंने संबोधित किया है और उन्होंने अपने बयान में कहा है कि मंत्रालय और एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। यही नहीं सरकार की तरफ से यह ऐलान भी किया गया है कि साइबर अटैक से बचकर रहे क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से कई साइबर हमले भी किए गए हैं। ऐसे में लोगों को यह हिदायत दी गई है कि सोशल मीडिया पर अपने जवानों की गतिविधियों को शेयर करने से बचे।